आजकल वशीकरण विद्या के प्रति अत्यधिक रुझान उत्पन्न हो गया है इस युग में प्रेम स्नेह वात्सल्य दुर्लभ हो गया है| भौतिक एवं शारीरिक आकर्षण ही सब कुछ है| प्रत्येक युवा चाहता है कि उसके मन चाही प्रेमिका या पत्नी मिले और प्रत्येक युवती चाहती है कि उसे मनचाहा प्रेमी या पति प्राप्त हो| यह भाव तो सदा से रहा है मगर स्त्री-पुरुष संबंध भारत में अभिभावकों के नियंत्रण में था| इधर समाज में युवक-युवती स्कूल कॉलेज में मिल रहे हैं और परस्पर आकर्षण में भी बंध रहे हैं परंतु यह आवश्यक नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी युवक को चाहती है तो वह भी उसके प्रति आकर्षित हो या कोई युवक किसी युवती को चाहता है तो यह व्यक्ति भी उसे चाहती हो और तब उनसे उनमें एक तड़प और उनकी उत्पत्ति होती है| आजकल वशीकरण विद्या के नाम पर ठगी करने वाले इसका को प्रचार-प्रसार भी करते हैं इससे युवाओं में इसके प्रति आकर्षण बना है परंतु वह डरते भी हैं और विश्वास विश्वास से भी ग्रसित रहते हैं उन्हें वास्तविकता का ज्ञान नहीं होता और शिक्षित युवाओं में विश्वास होता है कि ऐसा होता भी है या नहीं कारण यह है कि उन्हें तो यूरोपियन शिक्षा मिल रही है उन्हें ज्ञान ही नहीं है कि सूक्ष्म तरंगों का विज्ञान यानी तंत्र क्या है
वशीकरण सम्मोहन नहीं है -
साधारण व्यक्ति वशीकरण सम्मान को एक मान लेते हैं परंतु इस में भारी अंतर है इसे अंग्रेजी में कहते हैं वह अलग है सम्मोहन में सम्मोहित व्यक्ति की चेतना बुद्धि विचार शक्ति शून्य हो जाती है वह सम्मोहन करता की चेतना के नियंत्रण में कठपुतली बन जाता है परंतु वशीकरण में चेतना बुद्धि विचार सभी बने रहते हैं दृष्टिकोण और उसी का ही परिवर्तन हो जाता है टमाटर अच्छा नहीं लगता तो सम्मोहन में टमाटर को सेब का संज्ञान कर आकर खिला दिया जाता है जबकि वशीकरण में रुचि ही बदल जाते हैं और टमाटर अच्छा लगने लगता है सम्मोहन का प्रभाव स्थाई होता है जबकि वशीकरण का प्रभाव स्थाई होता है जब तक उसे काट नहीं जाए
-: अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :-
बाबा त्रिलोकीनाथ जी (बगलामुखी साधक ज्योतिषी)
संपर्क संख्या - 09643933763 (भारत से), +91-9643933763 (भारत के बाहर से)
आप बाबा जी से Whatsapp पर भी संपर्क कर सकते हैं
-: For Consultation, Contact Baba Trilokinath Ji :-
Baba Trilokinath Ji (Baglamukhi Sadhak Astrologer and Vashikaran Specialist)
Contact by call or Whatsapp on : +91-9643933763